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कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं- राजेश जोशी बच्चे काम पर जा रहे हैं सारांश : राजेश जोशी जी ने हमेशा मानवीय दुखों खासकर के बच्चो और महिलाओं के दुखो को अपने कविता में स्थान दिया है। और प्रस्तुत कविता में भी… Continue reading बच्चे काम पर जा रहे हैं- राजेश जोशी (Bacche Kaam Par Ja Rahe Hain by Rajesh Joshi): 2022
कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 16 यमराज की दिशा- चंद्रकांत देवताले यमराज की दिशा का सारांश : संकलित कविता में कवि सभ्यता के विकाश की खतरनाक दिशा की और इशारा करते हुए कहना चाहता है की आज के समाज में चारो और भ्रस्टाचार फैला हुआ है। समाज में हर जगह… Continue reading यमराज की दिशा- चंद्रकांत देवताले (Yamraj Ki Disha- Chandrakant Devtale): 2022
कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 15 मेघ आये- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना मेघ आए कविता का सार : संकलित कविता में कवि ने ग्रामीण संस्कृति एवं प्राकृतक सुंदरता का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया है। कवि ने यहाँ मेघो के आने की तुलना सजकर आए अतिथि से की है।… Continue reading मेघ आये- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (Megh Aye Line by Line Explanation): 2022
कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 14 चंद्र गहना से लौटती बेर- केदारनाथ अग्रवाल चंद्र गहना से लौटती बेर कविता का सारांश :- इस कविता में कवि ने गांव के प्राकृत सौंदर्य का बड़ा ही मनोहर वर्णन किया है। फिर चाहे वह… Continue reading चंद्र गहना से लौटती बेर- केदारनाथ अग्रवाल (Line by Line Explanation of Chandra Gehna): 2022
कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 13 ग्राम श्री- सुमित्रानंदन पंत ग्राम श्री कविता का सार- Gram Shree Kavita Ka Saransh :- इस कविता में कवि ने गांव के प्राकृत सौंदर्य का बड़ा ही मनोहर वर्णन किया है। फिर चाहे वह हरे भरे खेत… Continue reading ग्राम श्री- सुमित्रानंदन पंत (Explanation of Gram Shree Poem): 2022
कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 1 कैदी और कोकिला – माखनलाल चतुर्वेदी कैदी और कोकिला कविता का सारांश :- कवि ने यह कविता “कैदी और कोकिला” उस समय लिखी है जब जब देस ब्रिटिश साशन के आधीन गुलामी के जंजीरो में जकड़ा हुआ था। और वे खुद भी एक सवतंत्रा… Continue reading कैदी और कोकिला – माखनलाल चतुर्वेदी (Kaidi Aur Kokila Vyakhya): 2022
कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 1 सवैये – रसखान सवैये कविता का सारांश : यहाँ दिए गए प्रथम सवैये में कवि कृष्ण के प्रति अपने भक्ति का उदहारण पेश करता है। उनका कहना है की ईश्वर उन्हें चाहे मनुष्य बनाये या पशु, पक्षी या फिर पत्थर उन्हें कोई… Continue reading रसखान के सवैये – Raskhan Ke Savaiye in Hindi: 2022
कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 1 वाख – ललघद वाख कविता का सारांश : अपने प्रस्तुत वाखों जिसका अनुवाद मीरा कान्त जी ने किया है, में ललघद हमें यह कहना चाह रही है की इस्वर को ढूंढ़ने के लिए मंदिर मस्जिद घूम कर कोई फायदा नहीं होगा। अगर कोई… Continue reading वाख- ललघद (Waakh by Lalghad): 2022
कक्षा – 9 ‘अ’ क्षितिज भाग 1 पाठ 1 साखियाँ एवं सबद- कबीर कबीर की “साखियाँ” का संक्षिप्त सारांश (Kabir Das Sakhi Summary in Hindi) :- यहाँ संकलित साखियों में कबीर जी ने जहाँ एक ओर प्रेम की महत्ता का गुण गान काफी बढ़ चढ़कर किया है वहीँ दूसरी और उन्होंने एक आदर्श… Continue reading कबीर की साखी अर्थ सहित – Kabir Das Sakhi Summary in Hindi: 2022
Central Idea: Sonnet 55 is a love poem. But this speaker’s idea of love is about the persistence of memory and the chance of the beloved achieving eternal life. Here we can find a heartfelt burst of confidence as the poet privileges to have the power to keep his friend’s memory alive forever. What distinguishes… Continue reading Theme and Central Idea of Nor Marble Nor the Gilded Monuments: 2022